क्या भगवान कृष्ण बकरी चराते थे ?यदि नही तो “अजा गावो महिष्यश्च “ में
अजा का अर्थ बकरी गीता प्रेस के भागवत हिन्दी अनुवाद में क्यों लिखा है– ?
समाधान–
आपका पूरा श्लोक ऐसा है–
अजा गावो महिष्यश्च निर्विशन्त्यो वनाद् वनम् । इषीकाटवीं निर्विविशुः क्रन्दन्त्यो दावतर्षिताः ।। –भा0पु019/2.
यहाँ अजा का अर्थ बकरी और महिषी का अर्थ भैंस नही है;क्योकि जिस गाय ने प्रसव नही किया उसे अजा शब्द से कहा जाता है एक बार जिसने प्रसव किया उसे महिषी कहते हैं और इनसे भिन्न गायों को गाय शब्द से कहा जाता है–ऐसा शब्द और अर्थ के मर्मज्ञ मानते हैं —
“अजा स्यादप्रसूता गौः सकृत्सूता महिष्यपि ।
अन्या गाव इह प्रोक्ता इति शब्दार्थवेदिनः। ।”
यह अंतिम समाधान विद्वद्वरेणय वंशीधर जी ने अपनी टीका में दिया है ।
–जय श्रीराम
#आचार्यसियारामदासनैययिक
