क्या भगवान् कृष्ण ने बालकों के साथ वांये हाथ से भोजन किया था ?

Post Views: 85 आजकल  भागवत के श्लोकों का परम्परया अध्ययन न होने से लोग शास्त्रविरुद्ध अर्थ की कल्पना से अनेक भाव व्यक्त करते रहते हैं …

योग का प्रथम द्वार

Post Views: 112 योग का प्रथम द्वार योगस्य प्रथमं द्वारं वाङ्निरोधोSपरिग्रह: । निराशा च निरीहा च नित्यमेकान्तशीलता ।। –विवेकचूडामणि-३६८ वाणी का निरोध,अनावश्यक वस्तुओं का संग्रह …

हनुमज्जयन्ती शब्द हनुमज्जन्मोत्सव की अपेक्षा विलक्षणरहस्यगर्भित है

Post Views: 388 आज हनुमज्जयन्ती महोत्सव है । आजकल वाट्सएप्प से ज्ञानवितरण करने वाले एक मूर्खतापूर्ण सन्देश सर्वत्र प्रेषित कर रहे हैं कि हनुमज्यन्ती न …

नागकन्या द्वारा हनुमान् जी की उपासना

Post Views: 94 हनुमत्सहस्रनाम में हनुमान् जी का एक नाम आया है –”नागकन्याभयध्वंसी”=नागकन्या के भय को नष्ट करने वाले मारुति । इससे यह सिद्ध होता …

श्रीमद्भगवद्गीता द्वितीय अध्याय श्लोक-२ की व्याख्या

Post Views: 111 श्रीभगवानुवाच  कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम् । अनार्यजुष्टमस्वर्ग्यमकीर्तिकरमर्जुन ॥२॥  व्याख्या—अर्जुन के मोह का विद्रावक वचन श्रीभगवान् आरम्भ कर रहे हैं । श्रीभगवान्= श्री …

रामपालमोहविद्रावण अनुत्तम-शब्द-विमर्श

Post Views: 38 भगवद्गीता के सातवें अध्याय के १८ वें श्लोक में रामपाल नामक एक महाशय “अनुत्तमां गतिम् ।।” में आये अनुत्तम (अनुत्तमां के पुल्लिंग …

संध्या और ब्रह्मगायत्री जप की संख्या का सप्रमाणविवेचन

Post Views: 200 स्नान करने के पश्चात् द्विज को समयानुसार संध्या में प्रवृत्त होना चाहिए । सन्ध्या नित्य कर्म है । यदि समय स्वल्प हो …

रुद्राष्टकम् के चमत्कारी प्रयोग

Post Views: 401 यदि ग्रहण में रुद्राष्टक सिद्ध कर लिया जाय तो इसका प्रभाव तत्काल देखने को मिलता है । ग्रहण शुरु होने के पहले …