शठ से शठता करना ही उचित है । आप लोग तो खुदा और ईशा से मिलने गये थे ।

विप्र–मौलवी और पादरी साहब आप दोनों  तो खुदा और ईशा से मिलने गये थे । यहां थे ही नहीं । तो मैं कैसे आप लोगों को जगाता ??

“शठे शाठ्यं समाचरेत्”

#आचार्यसियारामदासनैयायिक

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