छल एवम् उसके भेद–वाक्छल, सामान्य छल और उपचारच्छल

Post Views: 176  किसी वाक्य के विपरीत  अर्थ  की कल्पना करके प्रयोक्ता के वाक्य का विरोध छल कहा जाता है– “वचनविघातोSर्थविकल्पोपत्त्या छलम् “–न्यायदर्शन, अध्याय-१, आह्निक-२, …