भगवान् का धाम या नित्यविभूति

Post Views: 157 मुक्तों से प्राप्य प्रभु के दिव्य धाम का उल्लेख “यद्गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम” (जहाँ जाकर प्राणी नहीं लौटता वही मेरा …