Post Views: 46 पुरुषसूक्त मन्त्र-१ की विशद हिन्दी व्याख्या “पुरुषसूक्त” मन्त्र-१ की विशद हिन्दी व्याख्या–आचार्य सियारामदास नैयायिक हरिः ओम् सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात् । स …
Author: Gaurav Sharma
Post Views: 32 पुरुषसूक्त मन्त्र-२ की व्याख्या पुरुषसूक्त मन्त्र-२ की विशद हिन्दी व्याख्या –आचार्य सियारामदास नैयायिक पुरुष एवेदं सर्वं यद्भूतं यच्च भाव्यम् । उतामृतत्वस्येशानो यदन्नेनातिरोहति …
Post Views: 34 पुरुषसूक्त मन्त्र-३ की विशद हिन्दी व्याख्या भगवान् का वैभव –आचार्य सियारामदास नैयायिक एतावानस्य महिमातो ज्यायांश्च पूरुषः । पादोऽस्य विश्वाभूतानि त्रिपादस्यामृतं दिवि ।।३।। …
Post Views: 39 पुरुषसूक्त,मन्त्र-४ की विशद हिन्दी व्याख्या भगवान् के द्वारा जंगम और स््थावर की सृष्टि–आचार्य सियारामदास नैयायिक त्रिपादूर्ध्व उदैत् पुरुषः पादोऽस्येहाभवत्पुनः । ततो विष्वड़् …
Post Views: 30 पुरुषसूक्त, मन्त्र-५ की विशद हिन्दी व्याख्या पंचीकरणप्रक्रिया का सुस्पष्ट वर्णन–आचार्य सियारामदास नैयायिक ततो विराडजायत विराजो अधि पूरुषः । स जातो अत्यरिच्यत पश्चाद्भूमिमथो …
Post Views: 52 दयानन्दीयभ्रान्तिगिरि-भङ्ग,पृष्ठ-५, स्वामी दयानन्द जी का तर्क है कि “ द्वितीया ब्राह्मणे ”-२/३/६०, और “ चतुर्थ्यर्थे बहुलं छन्दसि ”-२/३/६२, इन सूत्रों में वेद …
Post Views: 47 वेद के भाग मन्त्र ओर ब्राह्मणग्रन्थ , दयानन्दीयभ्रान्तिगिरि-भङ्ग,पृष्ठ ३ मन्त्र और ब्राह्मणभाग ये दोनों वेद कहे जाते है—इसका खण्डन स्वामी दयानन्द जी …
Post Views: 236 वेदों के भाग मन्त्र और ब्राह्मण, दयानन्दीयभ्रान्तिगिरि–भंग वैदिक सनातन धर्म में मन्त्र और ब्राह्मण इन दोनों को “ वेद ”-नाम से कहा …
Post Views: 36 हिन्दू (वैदिक सनातन) धर्म के देवता राम सीता लक्ष्मण हमारे वैदिक सनातन हिन्दू धर्म में कितने देवता हैं ? इसे सप्रमाण बतलाना …
Post Views: 72 मानस में नारी शब्द का वास्तविक अर्थ ढोल गंवार शूद्र पशु नारी । सकल ताडना के अधिकारी–मानस-सुन्दरकांड-५९/६, यहाँ नारी शब्द की आज …
Post Views: 44 भगवान् कृष्ण की जन्मपत्रिका का फलकथन जन्माष्टमी पर बन रहा है अद्भुत योग, क्या फिर होगा अवतार । अविनाशी परमब्रह्म का जब …
Post Views: 30 सबसे बड़ा कौन ? एक बार ऋषियों के बीच यह प्रश्न उपस्थित हुआ कि सबसे बड़ा कौन है ? किसी ने कहा–पृथ्वी …
Post Views: 64 पुरुषसूक्त का एक परिचय पुरुष का अर्थ – पुरुष परमात्मा का एक प्रसिद्ध नाम है । पूर्षु = सर्वशरीरेषु =सम्पूर्ण जीवों के …
Post Views: 158 महाव्याहृतियुक्त गायत्री मन्त्र का विशद अर्थ ॐ=परमात्मा का प्रसिद्ध नाम, “तस्य वाचकः प्रणवः”-योगदर्शन, परमात्मा का वाचक प्रणव अर्थात् ओङ्कार भूर्भुवःस्वः– भूः —भूलोक …