सुपत्नी और कुपत्नी के लक्षण

Post Views: 423 पतिघ्नी दुष्ट भार्या सा या सदा कटुभाषिणी। कुम्भीपाकं चिरं भुङ्क्त्वा जायते कुक्कुरी तत:।।९।।   पति का हनन करने वाली दुष्ट भार्या वह …

देहादि में अहंबुद्धि और आत्मा की भिन्नता का चिन्तन

Post Views: 124 देहादिषु त्वहंबुद्धि: विचारेण निवर्तते। मोक्षाय साधनं सर्वं व्यर्थं हि निर्विचारकम्।।६।।   देह आदि में जो अहंबुद्धि है । वह सम्यक् विचार से …

नीतियां

Post Views: 96 मित्रं सखे सदा ग्राह्यं  यत्ते लक्ष्यं प्रसाधयेत्। लक्ष्यघ्नञ्चेद्भवेज्ज्ञातं  तदा त्याज्यं मनीषिणा ।।५।।   हे मित्र ! मित्र का संग्रह सदा करना चाहिए। …

नारी-दीक्षा-विमर्श, कुमारियों एवं विवाहित नारियों की दीक्षा में प्रमाण

Post Views: 384 नारियों को गुरु बनाना चाहिए या नहीं ??–इस विषय पर बड़ा विवाद चल रहा है । शास्त्रीय प्रमाणों के कुछ वाक्य प्रस्तुत …

सर्वेश्वर श्रीरघुनाथ जी की होली

Post Views: 183 होलिकारमणी दिव्या अर्बुदे वीक्ष्य राघवम् । चुम्बति चाथ मा मैवं भाषते चारुहासिनी ।। होलिकारूपिणी दिव्य रमणी अर्बुदाचल( माउंट आबू ) में षोडश …

“भ्रातृद्वितीया अर्थात्  भैयादूज से नारी विधवा नहीं होती और भाई की आयु बढ़ती है “

Post Views: 281 “भ्रातृद्वितीया अर्थात्  भैयादूज से नारी विधवा नहीं होती और भाई की आयु बढ़ती है “ भ्रातृद्वितीया– अर्थ–भ्रातृमङ्गलार्था भ्रातृभोजनार्था वा द्वितीया इति भ्रातृद्वितीया …

एकादशमुख हनुमत्कवच के पुरश्चरण की विधि

Post Views: 780 एकादशमुख हनुमत्कवच के पुरश्चरण की विधि- इस कवच के ४०००० पाठ का विधान है जो “चत्वारिंशत्सहस्राणि पठेच्छुद्धात्मना नरः” श्लोक में लिखा है …

दीपावली

Post Views: 140 धनं धान्यं पशून् पुत्रान् दारा: सर्वसुखानि च । समेभ्य: सर्वदा दद्यात्, इन्दिरा दीपमालिका ।। धन, धान्य, पशु, पुत्र, पत्नी और सम्पूर्ण सुख …

वेदों में मूर्तिपूजा का सप्रमाण विवेचन

Post Views: 989 वेदों में मूर्तिपूजा का सप्रमाणविवेचन ऋग्वेद के अष्टम मण्डल में मूर्तिपूजा का उल्लेख इस प्रकार हुआ है- “अर्चत प्रार्चत प्रियमेधासो अर्चत । …

रामनाम की सर्वव्यापकता

Post Views: 251 भगवानरामसृष्टिकेकण–कणमेंसमाएहैं।हरविज्ञान, विद्याऔरकलामेंउनकीहीमौजूदगीहै।गणितभीऐसाहीएकविषयहै।वास्तवमेंगणितसत्यकीखोजपरआधारितज्ञानकीशाखाहै।गणितमेंमनुष्यसत्यकोतलाशताहैऔरदुनियामेंपरमसत्यको।सत्यऔरपरमसत्यतोश्रीरामहीहैं।एकरोचकगणितीयपहेलीबतातीहैकिहरनाममेंश्रीरामसमाएहैंऔरयहबातसिद्धभीकीजासकतीहै।यहसांकेतिकरूपसेकहतीहै– नामकेअक्षरवेदगुनेकरिफेरिजतनसोंतत्वमिलावे।तत्वमिलायकेदूनेकरेफिरवामेवसुकोभागलगावे।भागलगायजोशेषबचेदोहरनाममेंरामकोवासबतावे।जिसकेनिशिदनजापकरनतेमनुआंमनवांछितफलपावे।अर्थआपकोईभीनामलें।मानाआपनेनामलिया– दीपक।नामकेपूर्णअक्षरलें।दीपकमें3 अक्षरहैं।इस3 कावेदगुनायानीचारगुनाकरें।चारगुना12 हुआ।अबइसमें5 तत्वमिलाएं।इसकायोग17 हुआ।तत्वमिलाकरदूनेकरें।अबइसकामान34 होगा।फिरइसमेंवसुयानी8 काभागलगाएं।  8 का34 मेंभागदेनेपर2 बचतेहैं।ये2 अक्षरभगवानरामकाप्रतीकहैं।इसप्रकारआपकिसीभीनामकेपूर्णअक्षरलेकरदेखें, सबमेंआपकोभगवानरामकेदर्शनहोंगे।  केएलविजय

शूद्र के कान में पिघला शीसा डालने में शास्त्र का तात्पर्य कथमपि नहीं ।

Post Views: 1,457 लोग आक्षेप करते हैं कि शूद्रों के कान में शीसा पिघलाकर डालने की बात शास्त्रों में क्यों कहीं गयी ?? जहां तक …